शब्दमयी तुम
गंध मयी तुम
रूप रंग रस
गुण लेकर
फूल पात
घाटी पठार पर
ताल तलैया
डगर नगर में
अरूनाई तरूणाई
चप्पे चप्पे पर
गंदुम गंदुम
कौन बिखेर गया
यहाँ कुमकुम
सोना ही सोना
बिखर रहा
अंग और प्रत्यंग
दमक कर निखर रहा
खिली खिली सी
हरी डाल पर
बुल बुल सी तुम
कौन तबस्सुम
गंध मयी तुम
रूप रंग रस
गुण लेकर
फूल पात
घाटी पठार पर
ताल तलैया
डगर नगर में
अरूनाई तरूणाई
चप्पे चप्पे पर
गंदुम गंदुम
कौन बिखेर गया
यहाँ कुमकुम
सोना ही सोना
बिखर रहा
अंग और प्रत्यंग
दमक कर निखर रहा
खिली खिली सी
हरी डाल पर
बुल बुल सी तुम
कौन तबस्सुम
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