१
और
क्या करते पिता
फिर
से ले गए मुझे उसी स्कूल में
जिससे
लगातार अनुपस्थित रहने के चलते
निकाला
गया था मुझे हाल ही में
बहत्तर
सीढियों वाला
वह
विशालकाय भवन
उच्च
माध्यमिक विध्यालय
प्रिंसिपल
के समक्ष
गिडगिडाते
हुए कहा पिता ने
मैं
तो मजदूर हूँ मालिक
रेल
पटरियों की गैंग मेंकरता हूँ मजदूरी
एक
बार और दाखिला दे दें
मेरी
अर्जी पर बमुश्किल आया हूँ
जमादार
से छुट्टी लेकर
२
अब
तस्वीर से
मुझे
देखते रहते है पिता
नवीं
फेल होने पर भी
स्टेशन
से शहर जाने के लिए
दिलवाई
मुझे साईकिल
जैसे
शरीर और प्राण
रहते
है एकमेक
जाने
कहाँ –कहाँ
किसी
भी मौसम में
जाती
आती रही मेरे संग
नदी
नाले पार करती रही
मेरे
वश में नहीं अब
आवास
की छत के टिकी है अब वह
इन
दिनों
जब
बारिश घिर रही है
कर
देता हूँ उलट-पलट
देखता
हूँ निरंतर
जंग
से घिर रही है
पिता
मुझे टोह रहें हैं