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तेरी नीम बेहोशियाँ और ये नीम हकीम
गौरी दर्दे देह की ,हुई नहीं तरमीम /
गौरी तेरी भ्रकुटियाँ तरकश ,तीर ,कमान
मोहित होकर गिर गया पाखी लहूलुहान /
गौरी तेरी रागिनी ,बजता हुआ सितार
रंग रसीले लोग है ,आबैठे भिनसार /
गौरी तेरे गाँव में पीपल नीम बबूल
मै राही मरूदेश का राह गया हूँ भूल /
गौरी हम तुमको गए बहुत दिन बीत
हमें सुनादो बांसुरी ,पहले जैसे गीत
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